वाशिंगटन: अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव बस कुछ ही घंटों में शुरू होने वाले हैं, और इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प बन गया है। डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच लगभग कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है, जहां दोनों के बीच का अंतर केवल कुछ अंकों का है। चुनाव के अंतिम दिन, दोनों ही उम्मीदवारों ने स्विंग स्टेट्स में वोटरों का समर्थन पाने के लिए जोर-शोर से प्रचार किया।
अंतिम समय में मतदाताओं को लुभाने की कवायद
रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट्स की ओर से कमला हैरिस ने सोमवार को अंतिम बार वोटरों को रिझाने का हर संभव प्रयास किया। दोनों ने सबसे महत्वपूर्ण राज्य, पेंसिल्वेनिया, में कई रैलियां कीं और वहां की जनता के सामने अपनी बात रखी। अधिकांश चुनावी सर्वेक्षणों के अनुसार, यह मुकाबला बहुत ही नजदीकी है और किसी की भी जीत निश्चित नहीं मानी जा रही है।
ट्रंप और हैरिस की रैलियों का जोर
डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को चार बड़ी रैलियां कीं, जिसमें दो रैलियां पेंसिल्वेनिया में आयोजित की गईं। इसके अलावा, उन्होंने उत्तरी कैरोलिना और ग्रैंड रैपिड्स में भी रैली की, जबकि देर रात मिशिगन में भी एक कार्यक्रम रखा गया था। वहीं, कमला हैरिस ने भी स्विंग स्टेट्स में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए कई रैलियां कीं। उनके फिलाडेल्फिया में आयोजित कार्यक्रम में लेडी गागा, ओपरा विनफ्रे, और रिकी मार्टिन जैसी मशहूर हस्तियों ने भी हिस्सा लिया, जिससे समर्थन जुटाने की एक बड़ी कोशिश की गई।
सर्वेक्षणों का हाल: कौन चल रहा है आगे?
कई प्रमुख सर्वेक्षणों के अनुसार, यह मुकाबला बराबरी का है। एबीसी न्यूज के राष्ट्रीय सर्वे में कमला हैरिस को मामूली बढ़त के साथ 48% समर्थन मिला है, जबकि ट्रंप 46.9% पर हैं। दूसरी ओर, एनबीसी न्यूज और एमर्सन कॉलेज के अनुसार, दोनों उम्मीदवारों को 49%-49% समर्थन मिल रहा है। इप्सोस के एक पोल में हैरिस को ट्रंप पर तीन अंकों की बढ़त दी गई है, वहीं एटरलइंटेल सर्वे में ट्रंप को दो अंकों की बढ़त मिलती दिख रही है।
इलेक्टोरल कॉलेज का महत्व
अमेरिका में राष्ट्रपति का चयन सीधे मतदाताओं के वोट से नहीं होता, बल्कि इलेक्टोरल कॉलेज के माध्यम से होता है। कुल 538 इलेक्टोरल कॉलेज वोट होते हैं, और राष्ट्रपति बनने के लिए 270 या उससे अधिक वोट हासिल करना अनिवार्य है। ऐसे में, किसी उम्मीदवार को राष्ट्रव्यापी वोट कम मिलने पर भी, अगर वह इलेक्टोरल कॉलेज में बहुमत प्राप्त कर लेता है, तो वह राष्ट्रपति बन सकता है।
निष्कर्ष
यह चुनाव सिर्फ अमेरिका ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के लिए खासा महत्वपूर्ण है। ट्रंप और हैरिस दोनों की नीतियां और व्यक्तित्व अलग-अलग हैं, जो मतदाताओं के फैसले को प्रभावित कर सकते हैं। चुनावी नतीजे जल्द ही यह बताएंगे कि कौन अमेरिका का अगला राष्ट्रपति बनेगा। ऐसे में आप भी इस महत्वपूर्ण घटना पर नजर बनाए रखें और अमेरिका के राजनीतिक भविष्य के इस बदलाव को करीब से देखें।
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