Scorpion Fish – जब जहरीले जीवों की बात होती है, तो अक्सर सांप और बिच्छू का ज़िक्र होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसी मछली भी पाई जाती है, जिसका पूरा शरीर ही ज़हर से भरा होता है? इस दुर्लभ और खतरनाक मछली का नाम स्कॉर्पियन फिश है। यह मछली न केवल भारत के समुद्री जीवन का एक अनोखा हिस्सा है, बल्कि अपने विषैले स्वभाव और विशेषताओं के कारण वैज्ञानिकों के लिए भी अध्ययन का महत्वपूर्ण विषय बनी हुई है।
कैसे हुई स्कॉर्पियन फिश (Scorpion Fish) की खोज?
2020 में, भारत के वैज्ञानिकों ने इस मछली को पहली बार मन्नार की खाड़ी में खोजा। मन्नार की खाड़ी हिन्द महासागर के लक्षद्वीप सागर का हिस्सा है और उथले पानी के लिए प्रसिद्ध है। केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (CMFRI) के शोधकर्ताओं ने इसे सेतु कराई तट पर पाया। यह खोज भारतीय जल में इस प्रजाति की मछली को जीवित देखने का पहला अवसर था।
यह मछली इतनी खतरनाक होती है कि इसे छूने या खाने से इंसान की जान तक जा सकती है। लेकिन इसके विषैले स्वभाव से इतर, इसमें कई अनोखी और दिलचस्प विशेषताएं हैं।
गिरगिट की तरह रंग बदलने की क्षमता
स्कॉर्पियन फिश (Scorpion Fish) की सबसे अनोखी खासियत है कि यह अपने आसपास के वातावरण के अनुसार रंग बदल सकती है। यह क्षमता इसे गिरगिट की तरह शिकारियों से छिपने और अपने शिकार को पकड़ने में मदद करती है।
- रंग बदलने का उद्देश्य:
- शिकारियों से बचाव
- शिकार को धोखा देकर पास लाना
- यह समुद्र के तल पर लेटकर इतनी कुशलता से अपना रंग बदलती है कि इसे पहचान पाना बेहद मुश्किल हो जाता है।
पार्श्व संवेदी प्रणाली: प्राकृतिक रडार
स्कॉर्पियन फिश का शिकार करने का तरीका भी अत्यंत प्रभावशाली है। इसमें एक पार्श्व संवेदी प्रणाली होती है, जो इसे पानी में होने वाली हर छोटी-छोटी हलचल और कंपन का पता लगाने में मदद करती है।
- इस प्रणाली की विशेषताएं:
- पानी में होने वाली हलचलों का अनुभव करना
- शिकार को देखे बिना उसकी उपस्थिति का पता लगाना
- यह विशेषता इसे कुशल शिकारी बनाती है और खतरों से बचने में भी मदद करती है।
किंग कोबरा से भी खतरनाक ज़हर
स्कॉर्पियन फिश को इसका नाम इसके जहरीले कांटों की वजह से मिला है। इन कांटों में न्यूरोटॉक्सिन नामक पदार्थ होता है, जो तंत्रिका तंत्र पर सीधे प्रभाव डालता है।
- न्यूरोटॉक्सिन का प्रभाव:
- शरीर में लकवा
- जानलेवा जहर, जो किंग कोबरा के जहर से भी अधिक घातक हो सकता है।
- यही कारण है कि इस मछली को छूने या खाने से बचना चाहिए।
कहां पाई जाती है स्कॉर्पियन फिश (Scorpion Fish)?
यह मछली इंडो-वेस्ट पैसिफिक क्षेत्र में पाई जाती है और स्कार्पेनिडे परिवार का हिस्सा है, जिसमें कई जहरीली मछलियां शामिल हैं।
- यह समुद्र के तल पर लेटकर खुद को छिपा लेती है और शिकार का इंतजार करती है।
- इसे अक्सर उथले पानी में देखा जाता है, जहां यह अपनी विषैली विशेषताओं से सुरक्षित रहती है।
कैसे बचें स्कॉर्पियन फिश के खतरों से?
- कभी भी इस मछली को छूने या पकड़ने की कोशिश न करें।
- समुद्री इलाकों में गोताखोरी करते समय सतर्क रहें।
- मछली पकड़ने वालों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए कि वे इसे गलती से जाल में न फंसाएं।
निष्कर्ष
स्कॉर्पियन फिश समुद्री जीवन का एक ऐसा जीव है, जो अपनी अनोखी विशेषताओं और खतरनाक स्वभाव के कारण चर्चा का विषय है। गिरगिट की तरह रंग बदलने से लेकर न्यूरोटॉक्सिन युक्त जहरीले कांटों तक, यह मछली हर मायने में असाधारण है। इसके बारे में जागरूकता और सतर्कता ही इसे समझने और इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है।
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