ऋतु राठी की हालिया दास्तान ने सबका ध्यान आकर्षित किया है। वह हाल ही में वृंदावन में प्रेमानंद महाराज के दरबार में गईं, जहां उन्होंने अपने दिल की बातें साझा कीं। जब वह महाराज के सामने रोते हुए पहुंचीं, तो उनके सवालों ने सबको झकझोर दिया।
गौरव तनेजा के साथ तलाक की चर्चाएं
गौरव तनेजा, जो यूट्यूब पर फ्लाइंग बीस्ट के नाम से मशहूर हैं, अपनी पत्नी ऋतु राठी से अलगाव के कारण चर्चा में हैं। दोनों के बीच तलाक की खबरें अब खुलकर सामने आ चुकी हैं। ऋतु अपनी दो बेटियों के साथ इस मुश्किल समय में अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। ऐसे में उन्होंने प्रेमानंद महाराज के पास जाकर अपने संशय और परेशानियों को साझा किया।
प्रेमानंद महाराज का जवाब
ऋतु ने जब महाराज से सवाल किया कि क्या उन्हें अपने पति से अलग होकर श्रीजी के आश्रय में रहना चाहिए या अपने बच्चों के हक के लिए लड़ना चाहिए, तो महाराज ने उन्हें स्पष्ट उत्तर दिया। उन्होंने कहा, “अगर तुम सक्षम हो, अपनी बेटियों का भरण-पोषण कर सकती हो, तो अपने कर्तव्यों का पालन करो। अर्जुन की तरह काम करो, जो युद्ध के लिए खड़ा होता है।”
अर्जुन के उदाहरण से प्रेरणा
प्रेमानंद महाराज ने ऋतु को याद दिलाया कि जैसे श्रीकृष्ण ने अर्जुन को युद्ध करने की सलाह दी थी, वैसे ही ऋतु को भी अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा, “गृहस्थ धर्म और विरक्त धर्म अलग-अलग हैं। तुम अपने बच्चों के लिए जिम्मेदार हो, इसलिए तुम्हारा कर्तव्य उन पर ध्यान देना है।”
आत्मनिर्भरता का महत्व
जब महाराज ने ऋतु से पूछा कि क्या वह अपनी बेटियों को पढ़ा सकती हैं, तो उन्होंने कहा, “हां, मैं उन्हें पढ़ा सकती हूं।” इस पर महाराज ने कहा, “अगर आपके पास पर्याप्त संपत्ति है तो चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। झगड़ा मत करो।”
जीवन में बलिदान
प्रेमानंद महाराज ने यह भी कहा कि भगवान देख रहे हैं कि ऋतु अपने बच्चों के लिए कितनी मेहनत कर रही हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि कोई भी उन्हें उनके बच्चों से अलग नहीं कर सकता। “नाशवान पति का साथ छोड़ने पर भी क्या फर्क पड़ता है? परमपति हमेशा आपके साथ है,” उन्होंने कहा।
वीडियो से मिली पुष्टि
ऋतु ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने पुष्टि की कि वह वही हैं जो वायरल हो रहे वीडियो में हैं। उन्होंने कहा, “यह सब कुछ मेरे और मेरे पति के बीच है, इसलिए किसी को भी उनके बारे में विलेन नहीं बनाना चाहिए। मैं ‘बेचारी’ नहीं हूं।”
निष्कर्ष
ऋतु राठी की कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें अपने बच्चों और अपने कर्तव्यों के प्रति हमेशा मजबूत रहना चाहिए। हमें अपने जीवन में आई कठिनाइयों से डरना नहीं चाहिए, बल्कि उन्हें अपने लिए एक प्रेरणा के रूप में देखना चाहिए।
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