मुंबई की तीन कंपनियों के खिलाफ 1.4 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के खतरनाक पेट्रोलियम उत्पादों के अवैध आयात और परिवहन का मामला सामने आया है। उरन के सहायक पुलिस निरीक्षक शिवाजी हुल्गे के अनुसार, 12 जुलाई को एक गुप्त सूचना के आधार पर सीमा शुल्क अधिकारियों ने एक आयात कंपनी के परिसरों पर छापा मारा। इस छापेमारी के दौरान अधिकारियों को आठ टैंकर मिले जिनमें खतरनाक पेट्रोलियम पदार्थ भरा हुआ था।
‘प्रोसेस ऑयल 40’ के रूप में गलत जानकारी दी गई
जांच से पता चला कि इस पेट्रोलियम उत्पाद को संभालने वाली तीन कंपनियों ने इसे ‘प्रोसेस ऑयल 40’ के रूप में गलत तरीके से दर्ज किया था। यह एक गैर-ज्वलनशील पदार्थ होता है, जिसका उपयोग आम तौर पर विनिर्माण उद्योग में होता है। हालांकि, जांच में यह पुष्टि हुई कि असल में यह पदार्थ एक अत्यधिक ज्वलनशील पेट्रोलियम हाइड्रोकार्बन तेल था, जिसके परिवहन के लिए विशेष परमिट और सख्त सुरक्षा उपायों की आवश्यकता होती है।
सुरक्षा नियमों का उल्लंघन
अधिकारियों का कहना है कि कंपनियों ने इस खतरनाक पदार्थ की प्रकृति के बावजूद बिना किसी आवश्यक लाइसेंस और सुरक्षा उपायों के इसे परिवहन किया, जिससे सार्वजनिक सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया। उरन पुलिस ने तीनों कंपनियों के प्रतिनिधियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें लापरवाही और साजिश के आरोप शामिल हैं।
रिश्वत लेते हुए एक शैक्षणिक संस्थान के निदेशक गिरफ्तार
महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान के निदेशक को 1.10 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने गिरफ्तार किया है। ठाणे एसीबी के पुलिस उपाधीक्षक धर्मराज सोनके ने बताया कि शिकायतकर्ता की वेतन वृद्धि दो साल के लिए रोक दी गई थी। इसे बहाल करने के लिए निदेशक और संयुक्त सचिव ने रिश्वत की मांग की थी।
एसीबी का जाल और गिरफ्तारी
शिकायतकर्ता ने रिश्वत देने से इनकार कर दिया और एसीबी से संपर्क किया। एसीबी ने जाल बिछाया और आरोपी को 1.10 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए खिनावली इलाके में एक स्कूल के पास बस स्टॉप पर गिरफ्तार किया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
नौसेना अधिकारी की पत्नी पर होम लोन धोखाधड़ी का आरोप
नौसेना के एक अधिकारी की पत्नी और दो अन्य लोगों पर 40 लाख रुपये के होम लोन में धोखाधड़ी करने के आरोप में मामला दर्ज हुआ है। पीड़ित, जो इस समय मुंबई में रहता है, ने शिकायत में बताया कि जब वह रूस में तैनात था, तब उसकी पत्नी ने महाराष्ट्र के नवी मुंबई के एक बैंक अधिकारी और एक अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर धोखाधड़ी की।
फर्जी दस्तावेज और पहचान का इस्तेमाल
पीड़ित ने शिकायत में कहा कि उसकी पत्नी ने लोन के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया और एक नकली ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर का उपयोग करके पुणे में एक फ्लैट खरीदा। इस पूरे लेनदेन के दौरान पीड़ित को अंधेरे में रखा गया और बिल्डर को सीधे भुगतान किया गया। पुलिस ने धोखाधड़ी, जालसाजी और अन्य संबंधित अपराधों के लिए तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
निष्कर्ष
यह खबरें यह दर्शाती हैं कि कैसे सार्वजनिक और निजी संस्थानों में लापरवाही और भ्रष्टाचार गंभीर कानूनी मामलों का रूप ले सकते हैं। इन मामलों में अधिकारियों ने तेजी से कार्रवाई की, जो एक महत्वपूर्ण कदम है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
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