कार्तिक मास हिंदू धर्म में एक बहुत ही महत्वपूर्ण और पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने में भगवान विष्णु अपनी चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं, और माता लक्ष्मी के साथ इनकी पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। इस महीने में कुछ खास नियमों और परंपराओं का पालन करना अत्यंत शुभ माना गया है। आइए जानते हैं कि कार्तिक मास का महत्व क्या है, और इस दौरान कौन से काम करने चाहिए और किन्हें नहीं करना चाहिए।
कार्तिक मास का आरंभ और समापन
कार्तिक मास की शुरुआत 17 अक्टूबर को शाम 4:56 बजे से हो रही है, जो कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ हो जाएगी। उदया तिथि के अनुसार, कार्तिक मास का आरंभ 18 अक्टूबर से माना जाएगा। इस पवित्र महीने का समापन 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के साथ होगा।
कार्तिक मास में क्या करें:
- चावल का दान:
इस महीने में गरीबों को चावल का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। चावल का दान करने से चंद्र दोष दूर होता है और चंद्र ग्रह की शुभता प्राप्त होती है। - दीपदान का महत्व:
कार्तिक मास में घी का दीपदान पवित्र नदियों, तालाबों, और अन्य जलाशयों के पास करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। यह दीपदान विशेष रूप से संध्या के समय करना लाभकारी होता है। - तुलसी पूजन:
तुलसी का पूजन इस महीने अत्यधिक शुभ माना जाता है। हर दिन सुबह और शाम तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। तुलसी का सेवन भी इस महीने में लाभकारी माना गया है। - गुड़ का सेवन और दान:
कार्तिक मास में गुड़ का सेवन स्वास्थ्य और शुद्धता के लिए लाभदायक माना जाता है। इसके साथ ही गुड़ का दान करना भी बहुत ही पुण्यदायक होता है। - भूमि पर सोना:
इस महीने भूमि पर सोने से मन में सात्विकता और शांति का संचार होता है। यह तपस्या और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है।
कार्तिक मास में क्या न करें:
- तेल का उपयोग न करें:
इस महीने में शरीर पर तेल लगाना वर्जित है, सिवाय नरक चतुर्दशी के दिन। अन्य दिनों में तेल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। - वर्जित आहार:
कार्तिक मास में उड़द, मूंग, मसूर की दाल, चना, मटर, मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इनका त्याग करने से शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनी रहती है। - ब्रह्मचर्य का पालन:
शास्त्रों के अनुसार, इस महीने में ब्रह्मचर्य का पालन अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसका उल्लंघन करने से दोष लगता है और अशुभ परिणाम मिल सकते हैं। - बैंगन और करेला का परहेज:
इस महीने में बैंगन और करेला का सेवन वर्जित माना जाता है, क्योंकि इसे अशुद्ध आहार के रूप में देखा जाता है।
कार्तिक मास का धार्मिक महत्व
इस महीने में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा से जीवन में सुख और समृद्धि का संचार होता है। यह महीना तप, ध्यान और साधना का होता है, और जो लोग इन नियमों का पालन करते हैं, उन्हें विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
निष्कर्ष
कार्तिक मास का यह पवित्र समय आपकी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। इन नियमों का पालन करते हुए आप भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा पा सकते हैं। इस महीने के हर कार्य में शुद्धता और सात्विकता का ध्यान रखें। अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति के लिए इन उपायों को जरूर अपनाएं।
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