क्या आप जानते हैं कि ज्योमेट्री बॉक्स की सभी चीजों का उपयोग कैसे करना है?
अगर आप भी कभी स्कूल में ज्योमेट्री बॉक्स लेकर आए हैं, तो आपने सोचा होगा कि इसमें मौजूद हर उपकरण का सही उपयोग क्या है। खासतौर पर सेट स्क्वायर, जिनका इस्तेमाल कई लोग नहीं समझ पाते। आइए, आज इस भ्रम को दूर करते हैं और जानते हैं ज्योमेट्री बॉक्स की हर चीज का महत्व।
ज्योमेट्री और पढ़ाई का दबाव
भारत में पढ़ाई को लेकर बच्चों पर बहुत दबाव रहता है। न केवल अच्छे नंबर लाने का बल्कि अपने रिश्तेदारों के बच्चों से बेहतर करने का। खासतौर पर सातवीं और आठवीं कक्षा के छात्रों पर, जब उनके सिलेबस में ज्योमेट्री जैसे कठिन चैप्टर आते हैं।
ज्योमेट्री पढ़ाने के लिए ज्योमेट्री बॉक्स एक महत्वपूर्ण टूल है। इसमें कई चीजें होती हैं, लेकिन उनमें से दो सबसे ज्यादा कन्फ्यूजन पैदा करती हैं:
- सेट स्क्वायर (45° और 60°)
- कंपास और डिवाइडर
ज्योमेट्री बॉक्स में क्या-क्या होता है?
एक सामान्य ज्योमेट्री बॉक्स में ये उपकरण होते हैं:
- प्रोटेक्टर: कोण मापने के लिए।
- डिवाइडर: रेखाओं को मापने और विभाजित करने के लिए।
- कंपास: सर्कल और आर्क खींचने के लिए।
- सेट स्क्वायर: 45° और 60° कोण बनाने के लिए।
- स्केल: सीधी रेखाएं खींचने के लिए।
- पेंसिल और शार्पनर: ड्राइंग को स्पष्ट और सटीक बनाने के लिए।
- लेंस और सीजर: विशेष आवश्यकताओं के लिए।
इन सबका उपयोग तो ज्यादातर लोग जानते हैं, लेकिन सेट स्क्वायर का सही उपयोग अक्सर अनजान रहता है।
सेट स्क्वायर का उपयोग कैसे करें?
सोशल मीडिया पर हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक लड़की ने सेट स्क्वायर का उपयोग समझाया। इसमें बताया गया कि:
- 45° सेट स्क्वायर: सीधी रेखाओं और छोटे कोणों के लिए।
- 60° सेट स्क्वायर: पेपर कटिंग और कोण बनाने के लिए।
लोगों ने जब इस वीडियो को देखा तो कई ने कहा, “हमें आज तक ये पता ही नहीं था!” अब आपको समझ आ गया होगा कि इनका उपयोग ज्योमेट्री के अलावा क्रिएटिव कामों में भी हो सकता है।
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