ओडिशा के तटीय क्षेत्र में चक्रवाती तूफान दाना की दस्तक से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शुक्रवार को आए इस भीषण तूफान ने ओडिशा के साथ पश्चिम बंगाल के कई क्षेत्रों में भी भारी बारिश और तेज हवाओं का कहर बरपाया। IMD के अनुसार, तूफान अभी भी ओडिशा के उत्तरी तटीय क्षेत्र में स्थित है और धीरे-धीरे इसकी तीव्रता में कमी आने की उम्मीद है। इस आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्य में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीमें सक्रिय रूप से लगी हुई हैं।
भद्रक में राहत कार्य में जुटी NDRF टीमें
भद्रक में NDRF इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार ने बताया कि उनकी तीन टीमें सड़क से अवरोध हटाने और जलभराव की समस्याओं का समाधान करने में जुटी हैं। अब तक 100 मीटर सड़क की सफाई की जा चुकी है, और टीमों को जरूरत अनुसार तैनात किया गया है। धामरा क्षेत्र में भी दो अन्य टीमों को लगाया गया है जो लगातार काम कर रही हैं। इंस्पेक्टर कुमार ने कहा कि जब तक जिला प्रशासन से अनुमति नहीं मिल जाती कि सभी रिक्वायरमेंट पूरी हो चुकी हैं, तब तक NDRF का यह राहत कार्य जारी रहेगा।
कोलकाता और अन्य क्षेत्रों में प्रभावित जनजीवन
पश्चिम बंगाल में भी चक्रवात दाना का व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है। राज्य के विभिन्न तटीय इलाकों, जैसे पूर्व मेदिनीपुर के मंदारमणि और दक्षिण 24 परगना के गोसाबा में जलभराव की खबरें सामने आई हैं, जिससे स्थानीय निवासियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
पश्चिम बंगाल प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए पहले ही 2.5 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी राहत कार्यों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। राज्य आपदा प्रबंधन बल की 13 बटालियन और NDRF की 14 बटालियन को तटीय क्षेत्रों में विशेष रूप से तैनात किया गया है।
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कोलकाता हवाईअड्डा बंद और ट्रेन सेवाएं प्रभावित
तेज हवाओं और भारी बारिश के कारण कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का परिचालन गुरुवार शाम 6 बजे से शुक्रवार सुबह 9 बजे तक बंद कर दिया गया। दक्षिण पूर्व रेलवे ने भी अगले कुछ दिनों तक 170 से अधिक ट्रेनें रद्द कर दी हैं, जिनमें एक्सप्रेस और यात्री ट्रेनें शामिल हैं। साथ ही, पूर्वी रेलवे ने शुक्रवार को हावड़ा खंड पर सुबह की 68 उपनगरीय ट्रेनों को रद्द करने का निर्णय लिया है।
कोलकाता बंदरगाह के प्राधिकारियों ने भी एहतियात के तौर पर पोतों की आवाजाही शुक्रवार शाम तक रोक दी है। ओलावृष्टि और लगातार बारिश के कारण जनजीवन पर प्रभाव पड़ा है और प्रशासन ने हाई अलर्ट पर रहकर स्थिति पर काबू पाने के प्रयास किए हैं।
निष्कर्ष और आगे की राह
चक्रवात दाना का प्रभाव धीरे-धीरे कमजोर होने की संभावना है, लेकिन इसके बाद भी ओडिशा और पश्चिम बंगाल के प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास का कार्य एक बड़ी चुनौती बना रहेगा। एनडीआरएफ की टीमें मुस्तैदी से काम कर रही हैं, लेकिन प्रभावित नागरिकों के लिए आगे भी सुरक्षा और सहायता की जरूरत बनी रहेगी।
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