छठ पूजा 2024: जानें कब और कैसे मनाएं इस महापर्व को – आपका हर सवाल का जवाब!

छठ पूजा 2024: जानें कब और कैसे मनाएं इस महापर्व को

छठ पूजा का त्योहार भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा है, जो न केवल धार्मिक आस्था को दर्शाता है, बल्कि परिवारों को एकजुट करने का भी काम करता है। इस साल छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय से होगी, जो कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। हालांकि, इस बार लोगों के बीच इस पर्व की तारीख को लेकर कुछ भ्रम बना हुआ है। चलिए जानते हैं छठ पूजा की सही तिथियों और महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में।

 

छठ पूजा 2024 की तिथि और समय

छठ पूजा का त्यौहार श्राद्ध के बाद मनाया जाता है, और इस बार लोग दिवाली के साथ-साथ छठ पूजा का भी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। विद्वानों ने दिवाली की तारीख तो निश्चित कर दी है, लेकिन छठ पूजा के बारे में अभी भी कुछ असमंजस है।

छठ पूजा का शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य राकेश चतुर्वेदी के अनुसार, छठ पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से सप्तमी तिथि तक मनाई जाती है। इस दौरान सूर्य देव की पूजा होती है। इस वर्ष, छठ पूजा का शुभ मुहूर्त निम्नलिखित है:

  • नहाय-खाय: 05 नवंबर 2024
  • खरना: 06 नवंबर 2024
  • डूबते सूर्य को अर्घ्य: 07 नवंबर 2024 (रात 12:41 बजे से)
  • उगते सूर्य को अर्घ्य: 08 नवंबर 2024 (सुबह का अर्घ्य)

 

छठ पूजा 2024: जानें कब और कैसे मनाएं इस महापर्व को – आपका हर सवाल का जवाब!

 

नहाय-खाय कब है?

नहाय-खाय का पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन व्रती गंगा समेत अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद सूर्य देव की पूजा करती हैं और सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं। इस दिन भोजन में चावल, दाल, और लौकी की सब्जी शामिल होती है।

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खरना कब मनाया जाएगा?

खरना, छठ पूजा का दूसरा दिन होता है, जो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इस दिन व्रती दिनभर निर्जला उपवास रखती हैं और संध्या को स्नान कर छठी मैया की पूजा करती हैं। इसके बाद व्रती प्रसाद ग्रहण करती हैं और निर्जला व्रत की शुरुआत होती है।

 

अर्घ्य देने का शुभ समय

छठ पूजा में अर्घ्य का विशेष महत्व है। इस वर्ष, डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का समय 07 नवंबर को होगा, जबकि उगते सूर्य को अर्घ्य 08 नवंबर को दिया जाएगा। यह समय अत्यंत शुभ माना जाता है।

छठ पूजा का यह महापर्व न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे समाज में एकता और प्रेम का संदेश भी फैलाता है। इस अवसर पर सभी को अपनी आस्था के अनुसार पूजा-पाठ करने और एक-दूसरे के साथ मिलकर इस पर्व का आनंद लेने का आग्रह है।

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Renu

नमस्ते, मेरा नाम रेनू रावत है। मैं एक ब्लॉगर और शोधकर्ता हूं, और मुझे लोगों को जानकारी प्रदान करने के लिए ब्लॉग लिखना बेहद पसंद है। मैं अद्भुत तथ्यों, ऑटोमोबाइल्स, पैसे, शिक्षा, और विश्व से जुड़े विषयों पर लेख लिखती हूं। मेरा उद्देश्य है कि मेरे लेख लोगों को नई जानकारी दें और उन्हें प्रेरित करें।

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