आपको चंगू-मंगू की कहानी नहीं पता? जानिए पाकिस्तान के चंगा-मंगा के बारे में!

आपको चंगू-मंगू की कहानी नहीं पता? जानिए पाकिस्तान के चंगा-मंगा के बारे में!

क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में प्रसिद्ध ‘चंगू-मंगू’ और पाकिस्तान में चर्चित ‘चंगा-मंगा’ के बीच क्या समानता है? ये शब्द न केवल बच्चों के खेल और कहानियों में जादू बिखेरते हैं, बल्कि उनके पीछे छिपी कहानियां भी हमें हैरान कर सकती हैं। चलिए, हम आपको इन दोनों पात्रों के बारे में जानकारी देते हैं और जानते हैं कि कैसे पाकिस्तान में ‘चंगा-मंगा’ के नाम पर एक विशाल जंगल बना!

चंगू-मंगू और चंगा-मंगा की असली कहानी

भारत में ‘चंगू-मंगू’ शब्द अक्सर शरारती बच्चों की कहानियों में सुनाई देता है। ये शब्द बच्चों के बीच हंसी-मजाक और खेलों का हिस्सा हैं। वहीं, पाकिस्तान में ‘चंगा-मंगा’ का जिक्र एक अलग ही संदर्भ में होता है। अगर आपको लगता है कि ये दोनों पात्र एक ही हैं, तो आप गलत हैं। इन दोनों के बीच की वास्तविकता जानना दिलचस्प होगा।

चंगू-मंगू एक काल्पनिक पात्र

चंगू और मंगू का नाम भारतीय लोक कथाओं, हास्य कहानियों और बाल साहित्य में प्रमुखता से मिलता है। ये पात्र पूरी तरह से काल्पनिक हैं, जिनका असली जिंदगी से कोई संबंध नहीं है। इनकी कहानियों में ये अक्सर हास्यप्रद परिस्थितियों में नजर आते हैं, जो बच्चों को मनोरंजन प्रदान करते हैं।

चंगा और मंगा: असली डाकू की कहानी

वहीं, पाकिस्तान में ‘चंगा’ और ‘मंगा’ के नाम से जाने जाने वाले ये दो पात्र असली थे। ये 20वीं सदी में पंजाब के आसपास के इलाकों में कुख्यात डाकू थे। इनके आतंक से लोग बेहद डरे रहते थे। कहते हैं कि सूर्य अस्त होते ही लोग जंगल की ओर जाने से घबराते थे। अपहरण, हत्या और लूटपाट उनके लिए आम बातें थीं। आज भी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बच्चों को इन नामों से डराया जाता है।

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चंगा-मंगा के नाम पर जंगल

लाहौर से लगभग 70 किलोमीटर दूर एक मानव निर्मित जंगल है, जिसे ‘चंगा-मंगा’ के नाम से जाना जाता है। यह जंगल ब्रिटिश शासन के दौरान लकड़ी के उत्पादन के लिए लगाया गया था। बी रिबेनट्रॉप ने 1871-72 में इस इलाके में पौधारोपण का कार्य शुरू किया, जो बाद में एक विशाल जंगल में बदल गया। 1990 तक यह जंगल काफी बड़ा हो गया था, लेकिन अब यहां के अधिकांश पेड़ काट दिए गए हैं और जंगली जानवर भी इस मानव निर्मित जंगल को छोड़कर जा रहे हैं।

‘चंगू-मंगू’ और ‘चंगा-मंगा’ का नाम भले ही समान लगता हो, लेकिन इनकी कहानियाँ एक-दूसरे से बिलकुल अलग हैं। एक ओर, चंगू-मंगू केवल बच्चों की शरारतों का प्रतीक हैं, जबकि चंगा-मंगा एक खौफनाक अतीत की याद दिलाते हैं।

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Renu

नमस्ते, मेरा नाम रेनू रावत है। मैं एक ब्लॉगर और शोधकर्ता हूं, और मुझे लोगों को जानकारी प्रदान करने के लिए ब्लॉग लिखना बेहद पसंद है। मैं अद्भुत तथ्यों, ऑटोमोबाइल्स, पैसे, शिक्षा, और विश्व से जुड़े विषयों पर लेख लिखती हूं। मेरा उद्देश्य है कि मेरे लेख लोगों को नई जानकारी दें और उन्हें प्रेरित करें।

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