भारत में सैन्य विमान निर्माण में एक नया अध्याय शुरू हो गया है। टाटा एडवांस सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) द्वारा निर्मित C-295 विमान, जो भारतीय वायुसेना की शक्ति को और बढ़ाने के लिए है, का निर्माण सितंबर 2026 में शुरू होगा। इस लेख में हम C-295 विमान के निर्माण, इसकी विशेषताओं और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करेंगे।
सी-295 विमानों का निर्माण
पहला विमान सितंबर 2026 में उपलब्ध होगा। इसके बाद अन्य विमानों की आपूर्ति क्रमशः होती रहेगी। अंतिम विमान का वितरण अगस्त 2031 में होगा। रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने के अनुसार, यह भारत में निजी क्षेत्र द्वारा निर्मित पहला सैन्य विमान है।
समझौता और आपूर्ति
2021 में, भारत ने एयरबस के साथ 21,935 करोड़ रुपये की लागत में 56 C-295 विमानों की खरीद के लिए समझौता किया था। इनमें से 16 विमान स्पेन से निर्मित होकर आएंगे, जबकि 40 विमान टीएएसएल में निर्मित होंगे। स्पेन से अब तक छह विमान मिल चुके हैं, जिन्हें वायुसेना की 11वीं स्क्वाड्रन में शामिल किया गया है।
स्वदेशी सामग्री का उपयोग
रक्षा सचिव ने जानकारी दी है कि टीएएसएल में निर्मित पहले 16 विमानों में 48% स्वदेशी सामग्री होगी, जबकि आगामी 24 विमानों में यह प्रतिशत 75% तक बढ़ जाएगा। यह कदम भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे भारतीय कंपनियों को भी फायदा होगा।
भारतीय कंपनियों का सहयोग
एयरबस ने इन विमानों के कलपुर्जों के निर्माण के लिए 37 भारतीय कंपनियों को लाइसेंस प्रदान किया है, जो देश की औद्योगिक क्षमता को बढ़ावा देगा।
इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर स्यूट
सी-295 सभी प्रकार के मौसम में उपयोगी होगा और इसे इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस किया जाएगा। यह सूट देश में निर्मित होगा और इसका निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों बीईएल और बीडीएल द्वारा किया जाएगा। यह इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट संचार, सुरक्षा और संवेदन क्षमता को बढ़ाएगा।
रोजगार सृजन
इस परियोजना के अंतर्गत 600 उच्च कौशल वाले और 3000 मध्यम कौशल वाले रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। C-295 विमान एचएस-748 विमानों की जगह लेंगे, जिन्हें 1960 के दशक में शामिल किया गया था।
निष्कर्ष
C-295 विमान एक नई पीढ़ी का सामरिक विमान है, जो सभी प्रकार के मौसम में उड़ान भरने की क्षमता रखता है। यह 9.5 टन तक वजन ले जाने में सक्षम है और इसे राहत वायु परिवहन के उद्देश्य से बनाया गया है।
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