हर साल अक्टूबर माह में मनाए जाने वाले स्तन कैंसर जागरूकता महीने के दौरान, इस साल भारत में स्तन कैंसर के 1,92,020 नए मामलों का पता चला। यह आंकड़ा 2022 का है, और यह दर्शाता है कि स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे आम प्रकार का कैंसर है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे प्रारंभिक स्क्रीनिंग और जीवनशैली में बदलाव से इस बीमारी की मृत्यु दर को कम किया जा सकता है।
‘पिंक अक्टूबर’ का महत्व
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाने वाला यह अभियान ‘पिंक अक्टूबर’ के नाम से भी जाना जाता है। इसमें लोग स्तन स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए गुलाबी रंग अपनाते हैं और गुलाबी रिबन लगाते हैं। ग्लोबोकैन 2022 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में स्तन कैंसर से लगभग 98,337 महिलाएं हर साल दम तोड़ देती हैं, जो इस बीमारी की गंभीरता को दर्शाता है।
स्तन कैंसर के जोखिम कारक
स्तन कैंसर के कई जोखिम कारक होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- महिला होना: महिलाएं इस बीमारी का अधिक शिकार होती हैं।
- जल्दी मासिक धर्म: जल्दी मासिक धर्म शुरू होने से जोखिम बढ़ता है।
- देर से रजोनिवृत्ति: रजोनिवृत्ति में देरी से भी जोखिम बढ़ता है।
- संतानहीनता: संतान न होना भी एक कारण हो सकता है।
- अन्य कारक: शराब का सेवन, मोटापा, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, और आनुवंशिक उत्परिवर्तन।
परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास होना भी महत्वपूर्ण है, खासकर यदि बीआरसीए 1 और 2 जीन में उत्परिवर्तन हो।
स्तन कैंसर के लक्षण
स्तन कैंसर के प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:
- दर्द रहित गाँठ: धीरे-धीरे बढ़ने वाली स्तन की गाँठ।
- निप्पल से स्राव: निप्पल का अंदर धंसना या उससे स्राव होना।
- बगल में सूजन: बगल में सूजन या गाँठ का होना।
- त्वचा के परिवर्तन: स्तन की त्वचा पर अल्सर या लालिमा।
अत्यधिक विकसित अवस्था में खांसी, पीठ दर्द या पेट में दर्द भी देखा जा सकता है।
निदान के तरीके
स्क्रीनिंग मैमोग्राफी स्तन कैंसर का शीघ्र पता लगाने का सबसे प्रभावी तरीका है। इस प्रक्रिया में प्रत्येक स्तन की दो अलग-अलग कोणों से एक्स-रे छवियां ली जाती हैं, जिससे किसी भी असामान्यता का जल्दी पता लगाया जा सके।
- संवेदनशीलता: लगभग 75%
- विशिष्टता: लगभग 90%
मैमोग्राफी की सलाह
- औसत जोखिम वाली महिलाओं: 45 वर्ष की उम्र से वार्षिक मैमोग्राफी।
- उच्च जोखिम वाली महिलाओं: 25-30 वर्ष की उम्र से मैमोग्राफी शुरू की जानी चाहिए।
स्तन स्व-परीक्षण (बीएसई) को नियमित रूप से स्क्रीनिंग के लिए अनुशंसित नहीं किया जाता है, लेकिन महिलाओं को अपने स्तन स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना चाहिए।
स्तन कैंसर के चार चरण
स्तन कैंसर को चार चरणों में बांटा जाता है:
- चरण 1 और 2: प्रारंभिक चरण, जहां इलाज की संभावना 80-95% होती है।
- चरण 3 और 4: एडवांस स्टेज, जहां इलाज करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
आधुनिक एंटी-कैंसर उपचार जैसे टार्गेटेड थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी के माध्यम से चरण 4 के रोगियों की जीवन प्रत्याशा को बढ़ाया जा सकता है।
मृत्यु दर को कम करने के उपाय
स्तन कैंसर से संबंधित मृत्यु दर को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय महत्वपूर्ण हैं:
- प्रारंभिक स्क्रीनिंग और समय पर निदान: नियमित जांच से बीमारी का पता जल्दी लग सकता है।
- जीवनशैली में बदलाव: तंबाकू और शराब का सेवन न करना, स्वस्थ शारीरिक जीवनशैली अपनाना, और पौष्टिक आहार लेना।
मेहरबाई टाटा मेमोरियल अस्पताल (एमटीएमएच) में स्तन कैंसर के प्रबंधन के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। इन सेवाओं का सही समय पर उपयोग करने से न केवल स्तन कैंसर के निदान और उपचार में मदद मिलती है, बल्कि मृत्यु दर को भी प्रभावी ढंग से कम किया जा सकता है।
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