लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने लखनऊ में अपने आवास के बाहर जेपी नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। यह समारोह तब हुआ जब पुलिस ने उन्हें जेपी नारायण इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (JPNIC) में जाने से रोक दिया। उन्होंने कहा, “जयप्रकाश नारायण की जयंती पर हर साल हम उनकी याद मनाते हैं, लेकिन आज सरकार हमें रोकने की कोशिश कर रही है।”
साजिश का आरोप
अखिलेश यादव ने कहा कि जेपी नारायण के नाम पर बनी इमारत को ढक दिया गया है, और इसके पीछे कोई साजिश है। उनका आरोप है कि सरकार इसे बेचना चाहती है। उन्होंने यह भी कहा, “ऐसी सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती है जो म्यूजियम बेचने का इरादा रखती है।”
सपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
अखिलेश के आवास के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, जिसके कारण सपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। उन्होंने पुलिस बैरिकेड्स के सामने नारेबाजी की और अपनी आवाज उठाई। अखिलेश ने कहा, “समाजवादी लोग हर साल उनकी जयंती मनाते आए हैं, और हम इस परंपरा को बनाए रखेंगे।”
लखनऊ विकास प्राधिकरण का पत्र
इस बीच, लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अखिलेश यादव के निजी सचिव को एक पत्र भेजकर बताया कि निर्माणाधीन भवन के कारण वहां माल्यार्पण करना सुरक्षित नहीं है। पत्र में कहा गया, “बारिश के बाद जीव-जंतु पाए जाने की आशंका है, जिसके चलते सुरक्षा जोखिम हो सकता है।”
जूही सिंह का बयान
समाजवादी पार्टी की नेता जूही सिंह ने सरकार पर लोकतंत्र का दमन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “ये लोग केवल एक माल्यार्पण कार्यक्रम से डरते हैं। क्या वे जेपी नारायण के आंदोलन से डर गए हैं?”
अखिलेश यादव के इस कदम ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। क्या यह लोकतंत्र का हनन है? समाजवादी पार्टी के नेता इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उनकी आवाजों को दबाने की कोशिश की जा रही है।
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