इस अहोई अष्टमी, ये 5 काम न करें—वरना आपकी मेहनत बेकार जाएगी!

इस अहोई अष्टमी, ये 5 काम न करें—वरना आपकी मेहनत बेकार जाएगी!

अहोई अष्टमी का त्यौहार महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है, खासकर उन माताओं के लिए जो अपने बच्चों की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं। अगर आप भी इस दिन व्रत रखने जा रही हैं, तो कुछ महत्वपूर्ण बातें जानना जरूरी है। इस दिन कुछ कार्य शुभ माने जाते हैं, जबकि कुछ कार्यों से बचना चाहिए, क्योंकि ये आपके व्रत को खंडित कर सकते हैं।

 

अहोई अष्टमी का महत्व

करवाचौथ के बाद आने वाला अहोई अष्टमी का त्यौहार मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से संतान को लंबी आयु प्राप्त होती है और उनके जीवन में सुख-संपत्ति का संचार होता है।

अहोई अष्टमी पर शुभ कार्य

  • भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा: इस दिन शिव परिवार की पूजा करने से घर में सुख और शांति बनी रहती है। साथ ही, गणेश जी और कार्तिकेय जी का पूजन भी अवश्य करें।
  • बच्चों को पूजा में शामिल करें: शाम को जब आप अहोई माता की पूजा करती हैं, तो अपने बच्चों को भी इस धार्मिक अनुष्ठान में शामिल करें। इससे माता की कृपा उनके ऊपर बनी रहती है।
  • दान-पुण्य का महत्व: अहोई अष्टमी के दिन गरीबों को गेहूं या अन्य अनाज बांटना और उन्हें भोजन कराना बहुत शुभ होता है। इसके अलावा, गौ माता को कुछ खिलाना भी अनिवार्य है।
  • व्रत का पारण: व्रत का पारण तारे निकलने के बाद करना चाहिए। इस समय जल देकर व्रत को खोलें और विधिपूर्वक पूजा करें। चांदी के गहने पहनना इस दिन के लिए विशेष माना जाता है।
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क्या न करें: व्रत में सावधानियाँ

  • जल्दी उठें और नहाएं: अहोई के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और अच्छे से तैयार हों।
  • काले रंग से बचें: इस दिन काला रंग पहनना अशुभ माना जाता है।
  • मिट्टी से जुड़े कार्य न करें: खुदाई या अन्य मिट्टी से जुड़े कामों से बचें।
  • विवाद से दूर रहें: किसी भी प्रकार के झगड़े-फसाद से दूर रहें, क्योंकि इससे आपका व्रत खंडित हो सकता है।
  • सही बर्तन का प्रयोग करें: जल देने के लिए पीतल या तांबे के बर्तन का ही उपयोग करें। स्टील के बर्तन का उपयोग न करें।
  • सात्विक भोजन करें: व्रत खोलने के बाद केवल सात्विक भोजन ग्रहण करें।

 

निष्कर्ष

अहोई अष्टमी पर व्रत रखना एक महत्वपूर्ण धार्मिक क्रिया है, लेकिन इसके नियमों का पालन करना आवश्यक है। इस दिन किए गए कार्य न केवल आपके व्रत को सफल बनाते हैं, बल्कि आपके परिवार में सुख और शांति भी लाते हैं।

 

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Renu

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