न्यूजीलैंड के बल्लेबाज रचिन रविंद्र ने बेंगलुरु टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों की धुनाई करते हुए शानदार शतक बनाया, जो उनके टेस्ट करियर का दूसरा शतक है। इस अद्भुत पारी ने उन्हें भारतीय मैदान पर 12 साल बाद शतक जड़ने वाले दूसरे क्रिकेटर बनने का गौरव दिलाया।
बेंगलुरु टेस्ट में रचिन का धमाकेदार प्रदर्शन
रचिन रविंद्र ने इस टेस्ट में अपने आतिशी खेल से सभी को प्रभावित किया। उनके इस प्रदर्शन ने न केवल उन्हें व्यक्तिगत उपलब्धि दिलाई, बल्कि न्यूजीलैंड के लिए भी एक नया इतिहास रचने का अवसर दिया। 2012 के बाद, कोई भी न्यूजीलैंडर भारत में शतक नहीं जड़ सका था, लेकिन रचिन ने इसे बदल दिया।
रॉस टेलर की विरासत को आगे बढ़ाते हुए
इससे पहले, रॉस टेलर ने 2012 में बेंगलुरु में 113 रनों की शानदार पारी खेली थी। अब, रचिन ने 12 वर्षों बाद इस उपलब्धि को दोहराया है। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 124 गेंदों में 11 चौके और 2 छक्कों की मदद से अपना शतक पूरा किया, और उनका स्ट्राइक रेट 83 से ज्यादा रहा।
न्यूजीलैंड की मजबूत स्थिति
रचिन ने अर्धशतक 88 गेंदों में बनाया, और फिर 50 से 100 के बीच के स्कोर के लिए उन्होंने केवल 36 गेंदों का सामना किया। उनकी इस पारी ने न्यूजीलैंड को एक मजबूत स्कोर बनाने में मदद की। तीसरे दिन लंच तक, न्यूजीलैंड ने 7 विकेट पर 345 रन बना लिए थे, जिससे उनकी बढ़त 299 रनों की हो गई।
भारत की चुनौती
भारतीय टीम इस मैच में केवल 46 रनों पर ऑलआउट हो गई थी, जिससे उन्हें पारी से हार का खतरा है। टीम इंडिया को अब अपने बल्लेबाजों से एक बड़ी पारी की उम्मीद है ताकि वे पहले न्यूजीलैंड की बढ़त को खत्म कर सकें और फिर एक अच्छा लक्ष्य निर्धारित कर सकें। इसके लिए उन्हें न्यूजीलैंड के बाकी तीन विकेट जल्दी गिराने होंगे।
निष्कर्ष
रचिन रविंद्र का यह शतक न केवल उनके लिए, बल्कि न्यूजीलैंड क्रिकेट के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह मैच भारतीय टीम के लिए एक बड़ा चुनौती बन गया है, और अब उन्हें अपनी क्षमताओं को साबित करना होगा।
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