अश्विन कृष्ण अमावस्या के इस विशेष दिन, जब हम सर्व पितृ अमावस्या मनाते हैं, सभी पितरों के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करने का समय है। इस वर्ष, सर्व पितृ अमावस्या 2 अक्टूबर को पड़ रही है, साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है, जो इसे और अधिक महत्वपूर्ण बनाता है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे आप अपने नाराज पितरों को खुश कर सकते हैं और उन्हें आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
सर्व पितृ अमावस्या का महत्व
सर्व पितृ अमावस्या, पितृ पक्ष का अंतिम दिन होता है, जब हम उन पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध का आयोजन करते हैं, जिनका निधन अमावस्या या पूर्णिमा के दिन हुआ। इस दिन, हम उन पितरों का भी श्राद्ध करते हैं, जिनकी मृत्यु की तिथि अज्ञात है। इसे श्रद्धा पूर्वक मनाने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।
नाराज पितरों को खुश करने के उपाय
1. तर्पण का अनुष्ठान
सर्व पितृ अमावस्या के दिन स्नान के बाद, अपने पितरों को जल, सफेद फूल और काले तिल से तर्पण करें। कुशा के पोरों से तर्पण देने से यह सुनिश्चित होता है कि पितरों को इसका फल प्राप्त होगा। इस प्रक्रिया से पितर तृप्त होते हैं और अपने संतानों को आशीर्वाद देते हैं।
2. पंचबलि कर्म
इस दिन, अपने पितरों के लिए पंचबलि कर्म करना न भूलें। इसमें आप बनाए गए भोजन का कुछ हिस्सा कौआ, गाय, और कुत्ते को खिलाएं। यह विश्वास है कि इन जीवों के माध्यम से पितरों तक भोजन पहुंचता है, जिससे वे प्रसन्न होते हैं।
3. पितृ देव अर्यमा की पूजा
नाराज पितरों को खुश करने के लिए पितृ देव अर्यमा की पूजा करें। इसके बाद, पितृ सूक्त का पाठ करें। यह क्रिया पितरों के लिए खुशी लाती है और उन्हें अपने संतान के लिए सुख-संपत्ति का आशीर्वाद देने के लिए प्रेरित करती है।
4. अन्न दान
सर्व पितृ अमावस्या पर अन्न दान करना बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसा करने से पितर तृप्त होते हैं और आपके लिए उन्नति का आशीर्वाद देते हैं। यह एक सरल लेकिन प्रभावशाली उपाय है।
5. गाय का दान
गरुड़ पुराण और प्रेत मंजरी के अनुसार, इस दिन अपने पितरों के नाम से गाय का दान करना चाहिए। गाय का दान करने से पितरों को वैतरणी नदी पार करने में मदद मिलती है, जिससे वे सभी कष्टों से मुक्त होते हैं।
सर्व पितृ अमावस्या 2024 मुहूर्त और योग
- तिथि प्रारंभ: 1 अक्टूबर, मंगलवार, रात 9:39 बजे
- तिथि समापन: 2 अक्टूबर, बुधवार, रात 12:18 बजे
- सर्वार्थ सिद्धि योग: 2 अक्टूबर को दोपहर 12:23 बजे से 3 अक्टूबर सुबह 6:15 बजे तक
- श्राद्ध का समय: दिन में 11:30 बजे से 03:30 बजे तक
इस सर्व पितृ अमावस्या पर, उपरोक्त उपायों को अपनाकर आप अपने पितरों को खुश कर सकते हैं। इससे न केवल आपके पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होगा, बल्कि परिवार में सुख और समृद्धि भी बढ़ेगी। इस विशेष दिन को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाएं।
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